उत्तराखण्ड

नाम बड़े और दर्शन छोटे, दिव्यांग असहाय बालिकाओं को आश्रय की जरूरत पड़ने पर काम नहीं आई तथाकथित दिव्यांग कल्याण वाली नामी संस्थाएं

डीएम का चढ़ा पारा बिठाई उच्च स्तरीय जांच, 10 बिन्दुओं पर जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगी समितिः

पहुंच कहीं तक भी हो, दिव्यांग असहाय बच्चों के शोषण, अधिकारों का हुआ हनन, तो प्रशासन कुतंत्र ध्वस्तीकरण से गुरेज नहीं करेगा

मानव मूल्य प्रथमः सेवा के नाम पर लिये पंजीकरण,पहचान को व्यापार का केन्द्र नही बनने देगा प्रशासन

जो एक दस्तखत इन संस्थाओं के संचालन पालन हेतु करोड़ों का धन दिलवा सकता है, जरूरत पड़ने पर वही एक दस्तखत ध्वस्त करने में भी सक्षमः

इन मानवीय सेवा केंद्रों को पेशेवर व्यवसाय का अड्डा नही बनने देगा प्रशासन

कुछ मानसिक दिव्यांग बालिकाओं को दाखिले की जरूरत पड़ी, तो समाज कल्याण जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश भी नहीं माने इन संस्थाओं ने

डीएम ने समाज कल्याण व जिला प्रोबेशन अधिकारी को पढाया अधिकारों शक्तियों का पाठ, मोहर लगाने दस्तखत तक ना रहें सीमित

आपका पंजीकरण संस्तुति आपका दस्तखत महज इतिश्री नहीं, उन पर निर्भर है सैकड़ो दिव्यांग असहाय का जीवन

जो नियम कानून नैतिकता से बाहर उन पर प्रशासन जल्द करेगा प्रहार, पंजीकरण निरस्त

देहरादून –  समाज कल्याण विभाग में दिव्यांग कल्याण को पजीकृत संस्थाओं द्वारा जिले की 20 दिव्यांग बालिकाओं सेन्टर में दाखिला न दिए जाने का ताजा मामला प्रकाश में आया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने दिव्यांग बच्चों के कल्याण, उत्थान एवं उपचार के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं द्वारा बच्चों को संस्था में लेने से इनकार करने गंभीरता से लिया है। जबकि यह संस्थाएं बच्चों की सेवा के नाम पर राज्य एवं केन्द्र सरकार सहित विदेशी फंडिंग भी प्राप्त कर रही हैं। विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी तथा शिकायतें प्राप्त हो रही है कि यह संस्थाएं जो अपनी क्षमता, संसाधन स्टाफ एवं बच्चों की संख्या दिखाते हैं वह संस्थानों पर उपलब्ध नहीं होते है। पंजीकरण के दौरान जो मानव संसाधन दस्तावेज में दिखाए जाते हैं वह केन्द्रों पर उपलब्ध नहीं है। इसमें कई नामी गिरामी संस्थाएं भी शामिल है। जरूरत पड़ने पर दिव्यांग बच्चों के कल्याण, उपचार दाखिला पर इन संस्थाओं द्वारा बिना बच्चों को लिए सीधे इनकार किया जा रहा है।

 

इससे क्षुब्ध होकर डीएम ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सभी तथ्यों पर 10 बिंदुओं पर जांच करने हेतु उच्च स्तरीय समिति बिठाई है। समिति निर्धारित समयावधि में अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिए हैं मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर संस्थाओं का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं डीएम ने समाज कल्याण अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को अधिकारियों का पाठ पढाते हुए कहा कि महज हस्ताक्षर, संस्तुति देने तक ही सीमित न रहे अपने अधिकारियों को पहचाने तथा मानव कल्याण को सख्त एक्शन लें। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि दिव्यांग असहायों का शोषण व अधिकारों का हनन बर्दाश्त नही किया जाएगा ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिया जाएगा। ज्ञातव्य है कि यह संस्थाए दिव्यांग असहायों के कल्याण, शिक्षा एवं उपचार के नाम पर राज्य एवं केन्द्र सरकार सहित विदेशी फंडिंग प्राप्त करती है, जो संसाधन, चिक्सिक, टीचर्स, विशेषज्ञ, मानवश्रम, स्टॉफ आदि पंजीकरण के दौरान अभिलेखों में दर्शाए जाते हैं वह मौके पर नही होते तथा बच्चों की जो संख्या बताई जाती है वह नहीं होती है।

समाज कल्याण में दिव्यांग कल्याण क्षेत्र में कार्यरत जनपद देहरादून अन्तर्गत इन संस्थाओं की होगी जांच बजाल इंस्टिीट्यूट ऑफ लर्निंग राजपुर रोड, लतिका राय फांउडेशन बसंत विहार, भरत मंदिर स्कूल सोसायटी ऋषिकेश, रैफल राईडर चौशायर इन्टरनेशनल सेंटर मोहनी रोड, अरूणिमा प्रोजेक्ट विथ ऑटिज्म यूनिट ऑफ द गेटवे ग्राम सिनोला, यशोदा फांउडेशन डोईवाला, एमडीआरएस तपोवन, मुशीसभा सेवा सदन एवं पुनर्वास हर्बटपुर, दिव्य एजुकेशन सोसायटी निम्बुवाला, डिस्लेक्सिया सोसायटी ऑफ उत्तराखण्ड राजपुर रोड, सेतु संस्था डालनवाला, हरबर्टपुर किशचियन हॉस्पिटी सोसाइटी हरबर्टपुर, व चौशायर होम्स इंण्डिया डालनवाला, वसुन्धरा मानव कल्याण संस्था देहरादून, लर्निंग ट्री विशेष बच्चों का विद्यालय धर्मपुर, नन्ही दुनिया मूक बधिर विद्यालय कालीदास रोड, आशा स्कूल गढीकैंट, आशोनिक वैलफैयर सोसायटी के अन्तर्गत सशक्त स्पेशल स्कूल बालावाला देहरादून, नन्दा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन देहरादून।

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