उत्तराखण्ड

जनजातीय महिलाओं व पुरुषों ने जाना उत्तराखंड राज्य महिला आयोग का कार्य

महिलाएं खुद जागरूक बनें और दूसरों को भी करें सुरक्षित, अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने दिया संदेश

सरकारी योजनाओं से आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर, बच्चों के संस्कार पर भी हुई चर्चा

देहरादून। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के मुख्यालय नन्दा की चौकी देहरादून में पिथौरागढ़ जनपद के जनजातीय क्षेत्रों से आई जनजाति समूह की महिलाओं व पुरुषों का शैक्षिक एवं जागरूकता भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान महिलाओं ने आयोग के कार्यों, दायित्वों एवं कार्यप्रणाली को नजदीक से देखा और समझा।

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने महिलाओं से संवाद करते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने के साथ-साथ अपने आसपास के पुरुषों को समाज की महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए भी जागरूकता फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव तभी संभव है जब महिलाएं एक-दूसरे का साथ दें और गलत के खिलाफ आवाज उठाएं। अध्यक्ष ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि वर्तमान समय में बच्चों को अच्छे संस्कार देना अत्यंत आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ी संवेदनशील, जिम्मेदार और संस्कारित नागरिक बन सके।

इस अवसर पर अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने महिलाओं को केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा कई विशेष योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें पशु सखी योजना, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका संवर्धन, महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं, तथा जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कौशल विकास व स्वरोजगार से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें और अन्य महिलाओं को भी इससे जोड़ें, साथ ही पुरूषों को कहा कि इन कार्यों में महिलाओं का सहयोग करना चाहिए।

इस अवसर पर आयोग के विधि अधिकारी दयाराम सिंह ने महिलाओं को महिला आयोग के कार्य, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया तथा कानून के माध्यम से मिलने वाली सहायता की जानकारी दी। वहीं आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान ने महिलाओं को उनके संवैधानिक, कानूनी एवं सामाजिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें जागरूक व सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया।

उल्लेखनीय है कि ये महिलाएं अर्पण संस्था के माध्यम से आयोग तक पहुंची थीं। कार्यक्रम के दौरान अर्पण संस्था की प्रतिनिधि रेनू ठाकुर भी उपस्थित रहीं। आयोग की ओर से महिलाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही गई।

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