उत्तराखण्ड

प्रदेश में यूसीसी के अंतर्गत 46 जोड़ों ने किया लिव इन आवेदन

यूसीसी पोर्टल पर अब तक कुल 94,000 से अधिक आवेदन हुए प्राप्त

सरकारी कर्मी शत प्रतिशत विवाह पंजीकरण कराएं

देहरादून। उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के अंतर्गत विवाह एवं अन्य सेवाओं के पंजीकरण की प्रगति की समीक्षा हेतु सचिवालय में गृह सचिव शैलेश बगौली की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर यूसीसी पोर्टल की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई।

बैठक में जानकारी दी गई कि यूसीसी पोर्टल पर अब तक कुल 94,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण के लिए, 19,956 पंजीकृत विवाह की स्वीकृति हेतु, 430 वसीयतनामा/उत्तराधिकार, 136 तलाक/विवाह की शून्यता, 46 लिव-इन संबंध और 4 आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार से संबंधित हैं। इनमें से 89 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है, लगभग 5 प्रतिशत को निरस्त किया गया है और शेष प्रक्रियाधीन हैं। वर्तमान में औसतन 174 आवेदन प्रति जनपद प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं।

गृह सचिव ने निर्देश दिए कि यूसीसी से संबंधित सेवाओं, विशेष रूप से विवाह पंजीकरण के क्षेत्र में जनजागरूकता बढ़ाने हेतु शिविरों का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के शत-प्रतिशत विवाह पंजीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
इस संबंध में शासन से आवश्यक आदेश जारी किए जा चुके हैं।

बैठक में यूसीसी पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए उन जनपदों को चिन्हित किया गया जहां बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। गृह सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवेदनों के निरस्तीकरण के कारणों की समीक्षा करें। वर्ष 2010 के बाद हुए विवाहों के पंजीकरण में रुद्रप्रयाग (29 प्रतिशत), उत्तरकाशी (23 प्रतिशत) और चमोली (21 प्रतिशत) ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

यह भी बताया गया कि पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति हेतु वीडियो केवाईसी की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। यूसीसी सर्टिफिकेट को डिजीलॉकर में उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। बीते एक माह में प्रदेश की लगभग सभी ग्राम पंचायतों को यूसीसी सेवाओं से आच्छादित करने में तीव्र प्रगति हुई है। जहां पहले 4,141 ग्राम पंचायतें शेष थीं, अब मात्र 382 पंचायतें ऐसी बची हैं, जहां से अभी तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इस हेतु भी गृह सचिव ने अभियान चलाकर जनजागरूकता एवं प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए।

बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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