उत्तराखण्ड

प्रदेश में राफ्टिंग गाइडों को मिलेगा सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण

जनवरी 2026 से शुरू होगा तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

देहरादून। राज्य में राफ्टिंग पर्यटन को और सुरक्षित व व्यवस्थित बनाने की दिशा में सरकार ने अहम कदम उठाया है। अब गंगा सहित अन्य नदियों में राफ्टिंग कराने वाले गाइडों के लिए प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में पर्यटकों को तुरंत मदद मिल सके।

सचिवालय में आयोजित बैठक में पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने राफ्टिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में राफ्टिंग गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में तय किया गया कि प्रदेश के करीब 900 राफ्टिंग गाइडों को तीन दिवसीय फर्स्ट एड और सीपीआर प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण चरणबद्ध तरीके से यूएसए स्थित हैनीफिल सेंटर संस्था के सहयोग से आयोजित किया जाएगा, जिसकी शुरुआत जनवरी 2026 के पहले सप्ताह से होगी।

बैठक में राफ्टिंग गाइडों की अधिकतम आयु सीमा को 50 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी। इसके साथ ही राफ्टिंग एसोसिएशन की ओर से उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इनमें नदी तटों पर राफ्टिंग कैंपों की स्थापना, गंगा नदी की वहन क्षमता का पुनर्मूल्यांकन, मुख्य मार्ग से राफ्टिंग पिकअप प्वाइंट तक पहुंच व्यवस्था में सुधार और राफ्टिंग पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एंबुलेंस सुविधा की व्यवस्था शामिल है।

पर्यटन सचिव ने आश्वासन दिया कि राफ्टिंग से जुड़े इन सभी विषयों पर शीघ्र प्रभावी निर्णय लिए जाएंगे, ताकि प्रदेश में साहसिक पर्यटन को सुरक्षित और आकर्षक बनाया जा सके।

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