उत्तराखण्ड

लाभार्थियों को पेंशन योजनाओं का लाभ पारदर्शिता पूर्ण और समय से मिले- रजनी रावत

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के दिए दिशा-निर्देश

पौड़ी। उपाध्यक्ष, समाज कल्याण योजनाएं अनुश्रवण समिति (राज्यमंत्री स्तर) रजनी रावत ने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान समाज कल्याण विभाग कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा करते हुए पेंशन लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

सोमवार को विकास भवन सभागार में उपाध्यक्ष, समाज कल्याण योजनाएं अनुश्रवण समिति रजनी रावत ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तराखंड सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचें। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा एवं सहायता योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि योजनाओं के प्रचार-प्रसार में कोई कमी न हो और जरूरतमंदों को समय पर लाभ देना सुनिश्चित किया जाए। रजनी रावत ने दिव्यांग पेंशन योजना के लंबित 20 आवेदनों व विधवा पेंशन योजना के लंबित 88 आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिये।

जिला समाज कल्याण अधिकारी रोहित डुबरिया ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रगति व अन्य जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पेंशन योजनाओं के तहत 31,834 लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन, 7,427 को दिव्यांग पेंशन व 16,587 को विधवा पेंशन दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनपदान्तर्गत कुल 4,581 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जिसके सापेक्ष 4,317 पात्र छात्र/छात्राओं के आवेदन पत्रों को स्वीकृत किया गया है। जबकि त्रुटिपूर्ण 264 आवेदन पत्रों को अस्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों की पुत्री विवाह अनुदान तथा सामान्य जाति की निराश्रित विधवा महिला की पुत्री के विवाह अनुदान योजनान्तर्गत आवेदक के सहायतार्थ रू0 50,000 हजार अनुदान धनराशि जाती है । इसके आवेदन की प्रक्रिया पेंशन योजना की भांति पूर्ण रूप से ऑनलाइन संचालित है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनु०जा० पुत्री विवाह अनुदान योजना के अन्तर्गत 174 लाभार्थियों को 87 लाख और विधवा पुत्री विवाह अनुदान योजना के अन्तर्गत 20 लाथार्थियों को 10 लाख की धनराशि वितरित की गयी।

उन्होंने बताया कि जनपद क्षेत्रान्तर्गत वृद्धाश्रम निर्माण हेतु श्रीनगर में भूमि प्रस्तावित की गई है। वृद्धाश्रम के निर्माण हेतु सम्बन्धित कार्यदायी संस्था से आंगणन तैयार करवा कर प्रस्ताव निदेशालय को प्रेषित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि जनपदान्तर्गत जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र, जिला अस्पताल के कक्ष सं0-104 में संचालित है। उक्त केन्द्र द्वारा समय-समय पर दिव्यांगजनों के सहायतार्थ हेतु उनको आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाता है। ऐसे दिव्यांगजन जिनको कृत्रिम अंग / सहायक उपकरण की आवश्यकता है, उनका चिन्हीकरण कर कृत्रिम अंग / उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं। वर्तमान में दिव्यांगजनों की विशिष्ट पहचान हेतु डीडीआरसी द्वारा 7,240 दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड बनवाये गये हैं।

बैठक में जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, बालक छात्रावास अधीक्षक जयदेव नौगाईं, बालिका छात्रावास अधीक्षक पंकज देवली सहित समाज कल्याण विभाग के अन्य कार्मिक उपस्थित थे।

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