उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में जुलाई 2026 से मदरसा बोर्ड का होगा अंत, सभी संस्थानों को लेनी होगी नई मान्यता

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता प्रक्रिया को नई व्यवस्था के तहत सख्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अधिनियम में संशोधन के बाद एक जुलाई 2026 से उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसके बाद राज्य में कोई भी मदरसा या अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान तभी मान्य माना जाएगा, जब उसे उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त होगी।

वर्तमान में प्रदेश में 452 मदरसे उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड से पंजीकृत हैं, जिनमें करीब 68,000 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। अब इन सभी मदरसों को प्राधिकरण से मान्यता लेने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

क्या बदलेगा?

अभी तक की व्यवस्था में मदरसा संचालन के लिए उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड से मान्यता अनिवार्य थी। लेकिन अधिनियम संशोधन लागू होने के बाद बोर्ड की भूमिका खत्म हो जाएगी और सभी प्रक्रियाएं सीधे अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के माध्यम से होंगी।

असर

नई व्यवस्था लागू होने से मदरसा बोर्ड से जुड़ी प्रक्रियाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी। इससे मदरसा संचालकों को मान्यता प्राप्त करने के लिए नई औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित होंगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button